दिवाली पर निबंध|Diwali Par Nibandh|दीपावली पर निबंध |Deepawali Par Nibandh

दिवाली पर निबंध|Diwali Par Nibandh|दीपावली पर निबंध |Deepawali Par Nibandh

दिवाली पर निबंध (Diwali Par Nibandh) :- हम उन विद्यार्थियों के लिए दीपावली निबंध लेकर आये हैं, जो दीपावली पर निबंध हिंदी में लिखना चाहते हैं, यहां लिखी गयी निबंध से आप जान सकते हैं की निबंध में शीर्षक किस प्रकार से इस्तेमाल किये जाते हैं, शीर्षकों के अंदर शीर्षक से सम्बंधित वाक्यों को किस प्रकार से लिखा जाता है, उम्मीद है यह निबंध आपके बहुत काम आएगा।

दिवाली का अर्थ - दीपावली का अर्थ दो शब्दों से मिलकर बनी है दीप + आवली जहाँ दीप का अर्थ होता है दीपक और आवली का अर्थ होता है श्रृंखला या रेखा/पंक्ति। दीपावली शब्द संस्कृत भाषा से लिए गए शब्द है।

प्रस्तावना -दिवाली हिन्दुंओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाता है। दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों द्वारा बड़ी धूम-धाम से मनाया जाने वाला खुशियों भरा त्यौहार है, दीपावली पर हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी माता जी की पूजा होती है। भारत के निवासी दिवाली के त्यौहार को अन्य देश में रहते हुए भी बड़े धूम-धाम से मनाते है। दिवाली को 2 दिन तक छोटी - बड़ी दिवाली के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली त्यौहार की विशेषता (Diwali Festival Ki Viseshta)

दिवाली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगो के द्वारा जाती है यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह पर्व भारत देश सभी नागरिकों के द्वारा धूम-धाम के साथ मनाया जाता है प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार कार्तिक मास को अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है। दीपावली दीपों का त्यौहार है इस दिन भारत देश में विभिन्न प्रकार की लड़ियों और दीयों ,मोमबतियों से घर को सजाया जाता है ।

दिवाली क्यों मनाई जाती है (Diwali Kyo Manai Jati Hai)

भारत में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को मनाये जाने के के पीछे यह तर्क है की जब भगवान् श्रीराम 14 वर्ष के वनवास को काटकर और रावण का वध करके अपनी जन्मभूमि अयोध्या की तरफ लौटे थे तो उनके अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्या के लोगो के द्वारा इस दिन घी के दीपक जलाये गए थे, उसी दिन से ही दिवाली का यह पवन त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों और मिठाइयों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को दिया जाता है और पटाखे जलाये जाते हैं। दिवाली के त्यौहार में भारत में हर घर में रौशनी फैली होती है। दिवाली सभी लोगो का एक महत्वपूर्ण त्त्यौहार है सभी लोगो के द्वारा इस त्यौहार को ख़ुशी के रूप में उत्साहित होकर मनाते है।

दीपावली कब मनाई जाती है (Diwali Kab Manai Jati Hai)

दीपावली दशहरे के 21 दिन बाद अक्टूबर से नवम्बर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस त्यौहार को धूम-धाम से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् 5 दिन मनाया जाता है।

दीपावली में हिन्दू देवी देवता जिनकी पूजा की जाती है :- 

दिवाली पर निबंध|Diwali Par Nibandh|दीपावली पर निबंध |Deepawali Par Nibandh

दीपावली के शुभ अवसर पर भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति के लिए की जाती है लक्ष्मी जी घर में स्वागत के लिए उस दिन हर घर में रंगोली बनाई जाती है। और लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है।

दीपावली मनाने की तैयारियाँ (Diwali Manane Ki Taiyariya)

इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के कई दिन पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने के काम में लग जाते हैं क्योंकि ऐसी मन जाता है कि जिस घर में साफ सफाई होती है,उसी घर में दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी अपनी कृपा बनाये रखती है तथ अपना आशीर्वाद प्रदान करती है। दीवाली के दिन सभी खुशियां मानते हैं ,व्यापारी और दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों को सजाते हैं और साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं। दीपावली के दिन बाजारों में खूब भीड़ होती है क्यूंकि लोग खरीदारी करने बाजार जाते हैं और ढेर सारी मिठाइयां पटाखे खरीदते हैं और गणेश जी, लक्ष्मी जी, आदि की तस्वीरे खरीद कर घर में लगाई जाती है मंदिर को सजाया जाता है।

बाजारों में खूब रौनक देखने को मिलती है। दीपावली के इस अवसर पर सभी लोग नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते हैं और इक दूसरे को बधाइयाँ देते हैं। रात्रि के समय लक्ष्मी, गणेश के पूजा के बाद पटाखे जलाये जाते हैं । भारत की कुछ-कुछ जगहों पर दीपावली को नया साल की शुरुआत के रूप में माना जाता है।

दीपावली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार :-

दीपावली से पहले दिन- दीपावली का त्यौहार कुल मिलाकर 5 दिनों तक चलता है। दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस होता है। इस दिन लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन लेकर जरूर आते हैं और कुछ लोग इस दिन सोना-चांदी के आभूषण भी खरीदते है। मान्यता है की धनतेरस के दिन खरीदारी करने से घर में बरकत आती है।

दूसरा दिन -दिवाली के दूसरा दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। घर के बाहर दीये जलाये जाते हैं।

तीसरा दिन -यह दिवाली त्यौहार का मुख्य दिन होता है। माँ लक्ष्मी जी की पूजा इस दिन की जाती है, मां सरस्वती और भगवान श्री गणेश की पूजा भी की जाती है। इस दिन घरों के आंगन में रंगोली बनाई जाती है और विभिन्न प्रकार की मिठाइयां रसोई में बनाई जाती है।

चौथा दिन –दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है, मान्यता अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के क्रोध के फलस्वरूप हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक छोटी अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन महिलाएं घर के बाहर गोबर की पूजा करती है।

पांचवा दिन- इस दिन दिवाली के त्यौहार के अंतिम दिन को भाई दूज त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।  बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बाँधती हैं और तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती है और सभी भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन और उपहार देते है।

Read more :- Indian Festival Essay in English for Students

दीपावली का महत्त्व (Diwali ka Mahatva)

दिवाली पर निबंध|Diwali Par Nibandh|दीपावली पर निबंध |Deepawali Par Nibandh

दिवाली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो सभी वर्गों के लोगों के लिए उत्साहपूर्ण त्यौहार है यह मुख्यता हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। धर्म का अधर्म पर विजय का सूचक यह त्यौहार सभी की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस त्यौहार के मानव जीवन में बहुत महत्त्व हैं। –

दीपावली का सामाजिक महत्व (Diwali Ka Samajik Mahatva)

इस दीपावली के त्यौहार को सभी धर्मों के लोगों के द्वारा मिल-जुलकर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर के मंदिरों में पूजा पाठ किया करते हैं। एक दूसरे से मिलने उनके घर जाते है बधाइयाँ देते हैं जिससे सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा मिलता है। वर्तमान समय में इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जब किसी के पास किसी अन्य व्यक्ति के लिए समय नहीं है तो यही त्यौहार हैं जिसमे आपको मौका मिल पता है इक दूसरे के साथ मिलने का जिससे लोगों में सद्भवना आती है।लोगों को एक- दूसरे के त्योहारों की विशेषता का पता लगता है। अलग-अलग धर्मों के लोग एक दूसरे के त्योहारों में रूचि दिखते हैं और त्योहारों को एक साथ मानते हैं। इस तरह त्यौहारों का अपना एक सामाजिक महत्त्व होता है जो सामाजिक सद्भवना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता है।

दिवाली का आध्यात्मिक महत्व (Diwali Ka Adhyatmik Mahatva)

दिवाली का त्यौहार क्यों मनाते हैं इसके पीछे के क्या कारण है इन सबके बारे में अनेक पौराणिक कहानियों से पता चलता है। इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है जब कभी भी दीपावली का त्यौहार आता है तो सभी लोगों में एक उमंग और उत्साह का सञ्चालन होता है। दिवाली के त्यौहार को सभी वर्ग के लोगों जैसे- हिंदू, सिख ,जैन, आदि धर्मों को मानने वाले लोग भी बड़ी धूमधाम से मनाते है। इन सभी धर्मों में दिवाली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई ऐसी घटना घटित हुई है, जिसमें बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है। दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ और बुराई पर अच्छाई की जीत से जुड़ा हुआ है। इसलिए लोग इस पर्व पर अध्यात्म की ओर अग्रसर होते हैं और इससे अच्छे विचारों का उत्थान होता है।

दीपावली का आर्थिक महत्व (Diwali Ka Aarthik Mahatva)

दिवाली के त्यौहार में भादीपावलीरत के हर बाजार में खरीदारी की जाती है। सभी लोग बाजार जाते हैं और अपने लिए नए कपडे मिठाइयां सामान पटाखे खरीदते हैं। इस त्योहार में नए सामान को खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि माँ लक्ष्मी को, धन, समृद्धि, की देवी के रूप में माना जाता है। दीवाली के समय सोने और चांदी की खूब खरीदारी होती है साथ ही साथ नए वस्त्र ,मिठाई, और पटाखों की खूब बिक्री भी होती है इस दौरान हर जगह खूब चहल पहल देखने को मिलती है आसमान में खूब रोशनी प्रकाशमान रहती है।लोग पटाखों पर खूब खर्चा करते हैं।

दीपावली का त्यौहार की विशेषता (Diwali Ka Tyohar ki Visheshta)

अंधकार पर प्रकाश की विजय,बुराई पर अच्छी की विजय का यह पर्व समाज में नयी उमंग, उत्साह का संचार करता है ,आपसी भाई-चारा और प्रेम के सन्देश का सूचक यह त्यौहार अपने आप में बहुत ज्यादा महत्त्व रखता है। यह त्यौहार सामूहिक रूप तथा व्यक्तिगत रूप दोनों ही प्रकार से मनाया जाने वाला त्यौहार है जो धार्मिक और सामाजिक विशेषता रखता है अलग-अलग राज्य, क्षेत्र में दिवाली मनाने के कारण एवं तरीके अलग-अलग हैं। भारत के सभी जगह यह त्यौहार अपनी अलग-अलग विशेषता को संजोये हुए है। सभी लोगों में दिवाली के त्यौहार को लेकर बड़ी उत्सुकता होती है। लोग अपने घरों,दफ्तरों की साफ सफाई करना कुछ दिन पूर्व से ही शुरू कर देते हैं।

मिठाइयों और उपहार को एक दूसरे को भेंट करते हैं, एक दूसरे के घर जाते है। हर घर के आंगन में सुन्दर रंगोली बनाते है, तरह तरह के दीये जलाए जाते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते है। बड़े-छोटे सभी आयुवर्ग के लोग इस त्योहार में बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक यह पवन त्यौहार समाज के हर वर्ग के लिए उत्साह सम्पनता को लेकर आता है। दिवाली का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।

निष्कर्ष :- 

प्रातः उठकर नहाने के बाद सरे काम निपटने के बाद सभी लोग शाम के समय अपने घरों के सामने और प्रवेश द्वार में दीये जलाते है। इस दिन सभी घरों में धन की देवी माता लक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी उसी के घर में प्रवेश करती हैं जिसके घरों में साफ़ सफाई ,रौशनी और सजावट होती है। माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए हर घर के आंगन में दीये प्रज्वलित किये जाते हैं। इस त्यौहार को भारत में रौशनी का त्यौहार कहा जाता है। इस तरह दीपावली का मानव के जीवन एक खास महत्त्व है।

दीपावली पर निबंध 10 लाइन (Diwali Par 10 Lines) :-

  • दीपावली को दीपों एवं प्रकाश का त्यौहार कहा जाता है।
  • दिवाली सनातनियों का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
  • दीपावली भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, त्रिनिनाद, मॉरिशस जैसे देशों में भी मनाई जाती है।
  • दीपावली के दिन हिन्दू अपने घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
  • दिवाली हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
  • यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
  • मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम, लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके, चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे।
  • इस दिन सभी हिन्दू मिट्टी के दिये जलाते है है।
  • दिवाली के दिन लोग मिठाईया बांटते हैं और पटाखे जला कर खुशियां मनाते हैं।
  • दिवाली के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित होता है।

FAQs – दिवाली पर निबंध (Diwali Par Nibandh in Hindi)

Q- दिवाली कब मनाई जाती है?

दीपावली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। जो की अक्टूबर और नवम्बर के दौरान पड़ती है।

Q- दीपावली 2022 कब है

सोमवार 24 अक्टूबर 2022 को।

Q- Deepawali kab manai jaayegi

इस वर्ष दीपावली सोमवार 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

Q- दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?

दिवाली के ही दिन भगवन राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके लौटे थे, इस लिए दिवाली मनाई जाती है।

Read more post :- दिवाली पर निबंध - Essay on Diwali for Students and Children


Post a Comment

Previous Post Next Post