5G Network Par Nibandh क्या है|5G है क्या पर निबंध|निबंध, स्पीड, फायदे, नुकसान

5G Network Par Nibandh क्या है|5G है क्या पर निबंध

आइए जानते हैं 5G है क्या? [क्या होता है 5G ?]

5G यानी बेहद तेज इंटरनेट की एक ऐसी दुनिया जहां सारा काम पलक झपकते ही हो जाएगा. या फिर यह भी कह सकते हैं कि पलक झपकने से पहले ही हो जाएगा. 5G की दुनिया में Device आपस में बातचीत करेंगी और एक ऐसा नेटवर्क तैयार होगा बेहद स्मार्ट, इसे ऐसे कहें कि आपकी सोच से भी ज्यादा स्मार्ट होगा. Experts की मानें तो 5G अपने साथ सिर्फ स्पीड ही नहीं लेकर आएगा बल्कि तकनीकि की दुनिया का आपकी पूरा Experience ही बदल देगा.

अपने स्मार्ट फोन में आपने अक्सर 4G या 4G LTE लिखा देखा होगा, इस G का मतलब होता है जनरेशन. यह जनरेशन नेटवर्क की जनरेशन है. साल 1980 में सबसे पहले 1G नेटवर्क आया. इस पर सिर्फ कॉल करने की सुविधा थी, इसके Device बेहद धीमे औऱ भारी होते थे.

इसके बाद साल 1990 में आया 2G नेटवर्क, इसमें कॉल के साथ साथ मैसेज की सुविधा भी मिलने लगी. इसके साथ ही इसमें GPRS की सुविधा मिली, यानी फोन पर बेहद धीमा इंटरनेट जिसका इस्तेमाल खासकर ईमेल और छोटी फाइल ट्रांसफर करने में किया जाने लगा.

साल 2003 में एक क्रांतिकारी बदलाव आया जब 3G नेटवर्क लॉन्च हुआ. 3G ने इंटरनेट के इस्तेमाल का पूरा Experience ही बदल दिया. फोन पर इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहद तेज हो गईं. यहां तक ही फोन से किसी को फिल्म को डाउनलोड करके देखना संभव हो पाया.

इसके बाद इंटरनेट नेटवर्क ने साल 2009 में एक कदम और आगे बढ़ाया और फिर सामने 4G नेटवर्क आया. इस 4G नेटवर्क में 100 mbps की स्पीड मिली, यहां से एक मोबाइल के experience से भी उड़ान भरी और वीडियो कॉलिंग का विकल्प हमारे सामने आया. 4G ने स्मार्टफोन को एक तरीके के छोटे कंप्यूटर में बदल दिया.

अब बात करते हैं 4G की अगली पीढ़ी यानी 5G की, आप सोच रहे होंगे कि आखिर 5G कितना तेज होगा. आपको बता दें कि यह 4G की तुलना में करीब 100 गुना ज्यादा तेज होगा. एक उदाहरण से समझते हैं, 3G नेटवर्क पर एक दो घंटे की HD फिल्म डाउनलोड करने में 26 घंटे लगते थे. 4G ने इस समय को घटा कर 5 से 7 मिनट तक कर दिया. अब बात 5G की, 5G आने के बाद आप इसी फिल्म को महज 3.5 सेकेंड्स या उससे भी कम समय में डाउनलोड कर पाएंगे.

इसे मोबाइल इंटरनेट की पांचवीं पीढ़ी माना जा रहा है, जिसकी स्पीड मौजूदा इंटरनेट स्पीड से कहीं अधिक होगी. जिससे बड़े डेटा को आसानी से डाउनलोड और अपलोड किया जा सकेगा.

इसकी पहुंची वर्तमान मोबाइल इंटरनेट से कहीं अधिक और बेहतर होगी. यह तकनीक पूरी तरह से रेडियो स्पेक्ट्रम के बेहतर इस्तेमाल का उदाहरण होगी और इससे एक साथ कई device को इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा.

5G आने के बाद इसके फायदे

एक मोबाइल डेटा एनालिटिक्स कंपनी opensingnal से जुड़े लैन फॉग कहते हैं, "जो भी हम लोग आज अपने मोबाइल से कर पा रहे हैं उसे और तेज़ और बेहतर तरीके से कर पाएंगे. वीडियो की क्वालिटी बढ़ जाएगी, हाई स्पीड इंटरनेट शहर को स्मार्ट बना देगा. और बहुत कुछ होगा, जो हम अभी सोच नहीं सकते हैं."

एक हाई डेफ़िनिशन फ़िल्म को 1 या 2 मिनट में पूरा डाउनलोड करने की कल्पना कर सकते हैं.

कल्पना कीजिए राहत और बचाव कार्यों में लगो ड्रोन्स के झुंड की, या आग का जायज़ा ले रहे, ट्रैफिक़ पर निगरानी रख रहे ड्रोन्स की जो आपस में बिना तारों के जुड़े हैं और साथ ही साथ ज़मीन पर स्थित नियंत्रण केंद्रों के लगातार संपर्क में हों.

स्वचालित कारें भी एक दूसरे से बेहतर संवाद कर पाएंगी और यातायात और मैप्स से जुड़ा डेटा लाइव साझा कर पाएंगी. मेडिकल फैसिलिटी बेहतर हो जाएगी और भी बहुत कुछ होगा, जो हमारी दुनिया बदल देगा.

कैसे काम करता है 5G?

5G के इतने तेज काम करने के पीछे हैं, मिली मीटर वेब्स, यह एक तरह की रेडियों तरेंगे होती हैं. हमारे स्मार्ट फोन और अन्य स्मार्ट डिवाइस इन्हीं मिली मीटर वेब्स से जुड़े होते हैं. लेकिन अगर किसी जगह पर ज्यादा स्मार्टफोन होते हैं तो यह frequency बंट जाती हैं और नेटवर्क धीमा हो जाता है.

अभी यह मिली मीटर वेब्स 6 गीगा हर्ट्स पर काम करती हं, लेकिन 5G आने के बाद यह बढ़कर 30 से 300 गीगा हर्ट्स पर काम करेंगी. 4G पर नेटवर्क की बात करें तो 500 वर्ग किलो मीटर में 10 लाख device कनेक्ट हो सकते हैं. जबकि 5G पर सिर्फ एक वर्ग किलोमीटर में ही 10 डिवाइस कनेक्ट किए जा सकेंगे.

यह काम कैसे करेगा?

कई नई तकनीकें इस्तेमाल की जाएंगी लेकिन अभी तक 5G के सभी प्रोटोकॉल तय नहीं किए गए हैं.

यह High frequency बैंड पर काम करेगा, 3.5GHz से 26GHz या उससे भी ज्यादा पर. इस frequency बैंड में वेव लेंथ छोटे होते हैं. लेकिन परेशानी यह है कि छोटे वेव लेंथ को आसानी से रोका जा सकता है.

ऐसे में हो सकता है कि इन मिली मीटर तरंगों को प्रसारित करने के लिए कम ऊंचाई वाले टेलिफ़ोन टावर लगाने पड़े जो एक दूसरे के अधिक नज़दीक होंगे.

इसके लिए कई ट्रांसमीटर लगाने होंगे, जिस पर ख़र्च ज़्यादा आएगा और टेलिकॉम कंपनियां निवेश और फ़ायदे पर सोच कर ही इसे भारत में शुरू करेंगी.

4G से कितना अलग होगा?

यह पूरी तरह 4G तकनीक से अलग होगा. यह नई रेडियो तकनीक पर काम करेगा. हालांकि शुरुआत में यह अपने original स्पीड में काम करेगा या नहीं, यह भी तय नहीं है क्योंकि यह सबकुछ टेलिकॉम कंपनियां के निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर करता है.

फिलहाल 4G पर सर्वाधिक स्पीड 45 mbps तक की मुमकिन है. चिप बनाने वाली कंपनी क्वालकॉम का अनुमान है कि 5G तकनीक इससे 10 से 20 गुना तक अधिक स्पीड हासिल कर सकती है.

5G कब तक संभव?

अधिकतर देशों में 5G साल 2020 तक लॉन्च हो जाएगा. हालांकि क़तर की एक कंपनी का कहना है वो यह सेवा लॉन्च कर चुकी है, वहीं दक्षिण कोरिया अगले साल तक इस सेवा की शुरुआत कर देगा.

लेकिन भारत में 5G आने में शायद अभी देर लगे. टेलीकॉम विशेषज्ञ आशुतोष सिन्हा मानते हैं कि इस नई तकनीक के लिए ज़रूरी भारी निवेश करने से शायद भारतीय कंपनियां बचें.

वो कहते हैं, "भारतीय टेलीकॉम बाज़ार बेहद प्रतिस्पर्धी हो गया है. कंपनियां मुनाफ़ा नहीं कमा पा रही हैं. ऐसे में नई तकनीक में निवेश करना कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो जाएगा."

सिन्हा कहते हैं, "इसका एक पहलू ये भी है कि क्या ग्राहक अधिक पैसा चुकाने के लिए तैयार हो पाएंगे. भारतीय बाज़ार में इस समय ग्राहकों को 4G डेटा बेहद सस्ते दामों पर मिल रहा है. ऐसे में वो 5G पर अधिक ख़र्च करेंगे या नहीं ये देखने की बात होगी."

क्या फोन बदलना होगा?

शायद, क्योंकि जब 4G आया था, तब फ़ोन बदलना पड़ा था. यह संभव है कि नए फ़ोन बिना सिम के चलें. कई कंपनियां नई तकनीक पर काम कर रही है.

गांवों तक इसकी पहुंच हो सकती है पर यह कितना फ़ायदेमंद होगी, यह कहना मुश्किल है क्योंकि ग़रीब आबादी इस तकनीक पर ज़्यादा ख़र्च नहीं कर पाएगी.

5G से स्पीड के अलावा और क्या बदलेगा?

5G आने के बाद स्पीड के अलावा आपके आसपास का पूरा सिस्टम बदल जाएगा. 5G आने पर लो लेटेंसी यानी किसी भी डिवाइस का रिस्पॉन्स सिस्टम बेहद तेज हो जाएगा. 4G में अभी यह समय 50 से 100 मिली सेकेंड है लेकिन 5G में यह एक मिली सेकेंड हो जाएगा. यह स्पीड पलक झपकने की रफ्तार से 300 गुना तेज है, यानी आप जो भी कमांड देंगे वो रियल टाइम में होगी.

5G आने के बाद मशीनें आपस में बाद करेंगी, कमांड देने पर खुद से काम करेंगी. इसे ऐसे समझें कि आप लखनऊ से दिल्ली किसी काम से गए हैं लेकिन आपको दिल्ली पहुंचने के बाद याद आया कि आपने घर का फ्रिज और इन्वर्टर बंद नहीं किया है. तो यह 5G आपके लिए आसान बना देगा. आप अपने स्मार्टफोन से एक कमांड देंगे और सैंकड़ों किलोमीटर दूर आपके घर पर सेकेंड से भी कम समय में उसका पालन होगा.

5G आने के बाद मेडिकल साइंस की दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी. दुनिया के एक कोने में बैठकर सर्जन किसी भी मरीज पर बड़ी से बड़ी सर्जरी परफॉर्म कर सकेगा. इसके लिए रोबोटिक आर्म का इस्तेमाल होगा. डॉक्टर अपनी स्कीन पर देखकर ऑपरेशन कर देगा. VR तकनीक से आप अपनी कल्पना को सजीव कर पाएंगे.

क्या 5G में कमियां भी हैं?

जी हां बिल्कुल, जैसा कि कहते हैं कि कोई भी Perfect नहीं होता, ऐसे ही 5G में कई खूबियां होने के साथ साथ कुछ कमियां भी हैं. आपको बता दें कि मिली मीटर वेब्स ज्यादा दूर तक नहीं जा सकतीं, साथ ही अगर बीच में कोई Object आ जाए तो Connectivity टूट जाती है.

इसके साथ ही खराब मौसम और बारिश में भी मिली मीटर वेब्स प्रभावित होती हैं. 5G की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए हमें इसके बहुत बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी. इसकी कनेक्टिविटी को बनाए रखने के लिए हमें छोटे से इलाके में भी 5G के कई Transmitter लगाने होंगे.



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