कवि शिवमंगल सिंह 'सुमन' का जीवन परिचय|Shivmangal Singh 'Suman' Ka Jivan Prarichay

Shivmangal Singh Suman' Ka Jivan Prarichay

जीवन परिचय

हिन्दी साहित्य में प्रगतिशील लेखन के अग्रणी कवि शिवमंगल सिंह 'सुमन' का जन्म 5 अगस्त, 1916 को उत्तर प्रदेश के 'उन्नाव' जिले के झगरपुर गाँव में हुआ था। बाल्यकाल में सुमन जी ग्वालियर (मध्य प्रदेश) चले गए, जिसके कारण वहीं इनकी शिक्षा सम्पन्न हुई। ग्वालियर में शिक्षा अर्जन के दौरान उनका सम्पर्क क्रान्तिकारियों से हुआ। क्रान्तिकारियों से प्रभावित होकर इनके हृदय में भी क्रान्ति की ज्वाला धधक उठी, जिसके कारण सुमन जी की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो गई। उन्होंने वर्ष 1940 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम. ए. किया। पी-एच. डी. करने के पश्चात् उन्होंने हिन्दू विश्वविद्यालय से ही डी. लिट्. की उपाधि भी प्राप्त की।

शिवमंगल सिंह 'सुमन' एक प्रसिद्ध कवि और शिक्षाविद् थे। उनका कार्यक्षेत्र अधिकाशतः शिक्षा जगत से सम्बन्धित रहा। वे ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज में हिन्दी के व्याख्याता, माधव महाविद्यालय उज्जैन के प्राचार्य और फिर कुलपति भी रहे। उनका अधिकांश समय शिक्षक के रूप में व्यतीत हुआ। वे नेपाल भारतीय दूतावास के सांस्कृतिक सचिव भी रहे। सुमन जी ने प्रदेश हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष के रूप में भी इन्होंने हिन्दी की सेवा की प्रगतिवादी कविता के स्तम्भ डॉ. शिवमंगल सिंह 'सुमन' लोकप्रियता के शिखर पर पहुँचने के बाद 27 नवम्बर, 2002 को चिरनिद्रा में लीन हो गए।

Read more :- Sant raidas ka Jivan Parichay

Post a Comment

Previous Post Next Post