भारत में वैज्ञानिक प्रगति | विज्ञान की उपलब्धियाँ|विज्ञान के चमत्कार | आधुनिक युग में वैज्ञानिक उपलब्धियाँ

भारत में वैज्ञानिक प्रगति पर निबंध | Scientific Progress in India in Hindi
Scientific Progress in India in Hindi

संकेत बिन्दु :- 1.भूमिका, 2.विज्ञान का विकास, 3.यातायात के क्षेत्र में, 4.शक्ति के साधनों के क्षेत्र में, 5.चिकित्सा के क्षेत्र में, 6.अन्य क्षेत्र में, 7.विज्ञान का अभिशाप, 8.उपसंहार।

1.भूमिका :- अनादिकाल से मानव को जिन-जिन वस्तुओं की आवश्यकता हुई, उनको पाने के लिए वह उनकी खोज करता रहा। इसलिए कहा गया है, 'आवश्यकता आविष्कार की जननी है। मनुष्य की आवश्यकताएँ अनन्त हैं। उसकी पूर्ति के लिए वह सदैव नए-नए आविष्कार करता रहा। नए आविष्कारों की इसी श्रृंखला में वह आज यहाँ तक पहुँचा है। आज के युग में हर मानव विज्ञान के साधनों से प्रभावित है। आज विज्ञान हमारे जीवन का अंग बन चुका है। विज्ञान शब्द वि + ज्ञान से बना है। वि का अर्थ है 'विशेष' अर्थात् दुनिया का विशेष ज्ञान। विशेष ज्ञान वह है, जो प्रकृति के ज्ञान के अतिरिक्त विशेष है और मानवकृत है। विश्वसनीय वही है, जिसका प्रयोगात्मक अध्ययन सम्भव हो।

2.विज्ञान का विकास :- वैज्ञानिक प्रगति को ही मानव विकास कहते हैं। यह विकास अकस्मात् नहीं हुआ। इसको आज के परिवेश में पहुँचने के लिए कई युगों को पार करना पड़ा। प्रारम्भ में विज्ञान का विकास बड़ी मन्द गति से हो रहा था। विज्ञान ने जितनी प्रगति इस शताब्दी में की उतनी इससे पूर्व नहीं की। इस शताब्दी में विज्ञान ने हर क्षेत्र में चमत्कार पैदा कर दिया है। आज जीवन के हर क्षेत्र में विज्ञान ने अपना प्रभाव जमा दिया है। कोई भी व्यक्ति, वस्तु व स्थान विज्ञान से अछूता नहीं है।

3.यातायात के क्षेत्र में :- यातायात के क्षेत्र में विज्ञान ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। आज इतने द्रुतगामी साधनों का आविष्कार हो चुका है कि हम घण्टों में सारी दुनिया की सैर कर सकते हैं। स्थलीय यातायात में रेलगाड़ी एक महत्त्वपूर्ण साधन है। इसके अतिरिक्त बस, कार आदि भी यातायात के प्रमुख साधन हैं। आज द्रुतगामी विमानों से हम सारे विश्व का भ्रमण सरलता से कर सकते हैं। यातायात के साधनों ने आज सारे विश्व को बहुत छोटा बना दिया है।

4.शक्ति के साधनों के क्षेत्र में :- प्रारम्भ में मनुष्य व पशु ही शक्ति के प्रमुख साधन थे। आज खनिज तेल, कोयला व बिजली शक्ति के साधन हैं, जिनसे विशाल कारखानें व रेलगाड़ियाँ चलती हैं। शक्ति के साधनों में बिजली ने चमत्कार पैदा किया है। यह जहाँ हमें प्रकाश देती हैं, वहीं बहुत बड़े-बड़े कारखानों और उद्योगों की बड़ी-बड़ी मशीनें चलाने में काम आती हैं।

5.चिकित्सा के क्षेत्र में :- पहले जड़ी-बूटियों या अन्य प्राकृतिक साधनों पर मनुष्य का जीवन निर्भर था। चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान ने आज इतने परिवर्तन ला दिए हैं कि आज एक व्यक्ति के हृदय को चीर-फाड़कर उसको स्वस्थ कर दिया जाता है। इन्जेक्शन व ऑपरेशन ने मनुष्य को जीवनदान दिया है।

6.अन्य क्षेत्र में :- आज ऐसे अस्त्र-शस्त्रों का आविष्कार हो चुका है, जिनकी मनुष्य कल्पना भी नहीं कर सकता था। संचार के क्षेत्र में विज्ञान ने काफी प्रगति की है। रेडियो, दूरदर्शन, टेलीफोन आदि संचार के प्रमुख साधन हैं।

7.विज्ञान का अभिशाप :- मनुष्य एक गलती का पुतला है। विज्ञान के साधनों में जहाँ उसने थोड़ी-सी असावधानी की, वहीं पर विनाश सामने है। आज शीघ्र पहुँचने के कारण बड़ी-बड़ी दुर्घटनाओं में सैकड़ों आदमी मरते हैं। गलत दवाई व इन्जेक्शन से मृत्यु निश्चित है। बिजली का करण्ट तो मौत का वारण्ट है। अस्त्र-शस्त्रों में ऐसे-ऐसे बमों का आविष्कार हो चुका है, जो कुछ ही क्षणों में सारे विश्व का विनाश करने में समर्थ हैं। आज आतंकवादी बमों का प्रयोग कर जनसंहार में लगे हैं। आधुनिक युग में वैज्ञानिक साधनों ने पृथ्वी का पर्यावरण इतना दूषित कर दिया है कि विश्व को विनाश के कगार पर खड़ा कर दिया है।

8.उपसंहार :- हमें सावधानी से वैज्ञानिक साधनों का उपयोग करना चाहिए। विज्ञान मानव के हित के लिए है, इसलिए उसका दुरुपयोग न करके सदुपयोग करना चाहिए।

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