केदारनाथ अग्रवाल का जीवन परिचय |Kedarnath Agrawal Ka Jivan Prarichay

केदारनाथ अग्रवाल का जीवन परिचय |Kedarnath Agrawal Ka Jivan Prarichay

जीवन परिचय (1911 से 2000 ई.)

हिन्दी साहित्य की प्रगतिवादी काव्यधारा के कवि केदारनाथ अग्रवाल का जन्म सन् 1911 ई. में उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के कमासिन नामक गाँव में हुआ था। इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक किया तथा कानपुर के डी. ए. वी. कॉलेज से एल. एल. बी. की डिग्री प्राप्त की। इन्होंने अपने गृह जनपद में पर्याप्त समय तक वकालत की तथा फौजदारी मुकदमें देखने वाले जिला प्रशासक के परामर्शदाता भी रहे। अग्रवाल जी को हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा 'साहित्य वाचस्पति’ की मानद उपाधि तथा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा डी. लिट. की उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त साहित्य अकादमी सम्मान, सोवियत लैण्ड नेहरू सम्मान, मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् भोपाल द्वारा तुलसी सम्मान तथा मैथिलीशरण गुप्त सम्मान से भी विभूषित किया गया। सन् 2000 ई. में हिन्दी साहित्य का यह प्रगतिवादी कवि पंचतत्त्व में विलीन हो गया।


साहित्यिक परिचय


केदारनाथ अग्रवाल जी ने सन् 1930 ई. से लेखन कार्य आरम्भ किया। इन्होंने प्रगतिशील विचारवादी कविताओं की रचना की तथा देश और समाज के सजग प्रहरी के समान रचनाधर्मिता को सार्थकता प्रदान की। केदारनाथ जी प्रगतिवादी कवियों में अत्यन्त कलात्मक सोच के कवि थे। इनके काव्य की विशेषता जनजीवन और उससे उपजी रागात्मकता का साक्षात्कार मानवीय स्तर पर हुआ है। नया साहित्य और हंस पत्रिकाओं में इनकी रचनाएँ निरन्तर छपती रहीं। इन्होंने कई रचनाओं का अनुवाद भी किया। केदारनाथ जी ने विविध विधाओं में साहित्य की रचना की, जिसमें निबन्ध, उपन्यास, यात्रावृत्तान्त पत्र साहित्य के अलावा प्रमुख रूप से काव्य रचनाएँ भी हैं। इन्होंने कुल 24 काव्य-संग्रह, 2 यात्रावृत्तान्त, 3 निबन्ध संग्रह, 1 अनुवाद तथा 1 प-साहित्य की रचना की। इनका प्रथम काव्य-संग्रह युग की गंगा का प्रकाशन सन् 1947 ई. में हुआ। इनके रचना-संग्रह का विस्तार 1947 से लेकर 1996 ई. तक है।

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