काका कालेलकर का जीवन परिचय | Kaka Kalelkar ka Jivan Parichay
जीवन परिचय :-
हिन्दी के अनन्य उपासक तथा उच्चकोटि के साहित्यकार काका कालेलकर का जन्म सन् 1885 में महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था। इनका पूरा नाम दत्तात्रेय बालकृष्ण कालेलकर था। इनके पिता का नाम श्री बालकृष्ण कालेलकर था, जो कोषाधिकारी के पद पर कार्यरत थे। सन् 1907 में स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद ये क्रान्तिकारियों के सम्पर्क में आए और देश व समाज सेवा के कार्यों में जुट गए। ये स्वतन्त्रता सेनानी होने के कारण कई बार जेल गए। महात्मा गाँधी के सम्पर्क में आने से इनका हिन्दी प्रेम जाग्रत हुआ। इनकी मातृभाषा मराठी थी, लेकिन गुजराती, बांग्ला, अंग्रेजी तथा हिन्दी भाषाओं का भी इन्हें पूर्ण ज्ञान था। इन्होंने बड़ौदा की राष्ट्रीयशाला, शान्ति निकेतन, साबरमती आश्रम और गुजरात विद्यापीठ में अध्यापन कार्य किया तथा गुजरात विद्यापीठ के कुलपति बने। इन्होंने 'राष्ट्रमत' नामक मराठी पत्र का सम्पादन भी किया। ये संविधान सभा के भी सदस्य रहे। सन् 1952 से 1957 तक ये राज्यसभा के सदस्य तथा अनेक आयोगों के अध्यक्ष भी रहे। भारत सरकार ने इन्हें 'पद्मभूषण' तथा राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ने 'गाँधी पुरस्कार' से सम्मानित किया। निरन्तर देश और साहित्य सेवा करते हुए राष्ट्रभाषा का यह प्रचारक सन् 1981 को इस संसार से विदा हो गया।
साहित्यिक परिचय :-
काका कालेलकर ने मराठी भाषी होते हुए भी हिन्दी के प्रचार-प्रसार के प्रति जो योगदान दिया, वह हिन्दी भाषियों के लिए आज भी प्रेरणा का स्रोत है। साधु स्वभाव से सदैव हिन्दी की सेवा करने वाले काका कालेलकर ने दक्षिण व मुख्य रूप से गुजरात में हिन्दी का प्रचार-प्रसार किया। इन्होंने प्राचीन भारतीय संस्कृति, नीति, इतिहास, भूगोल के साथ-साथ युगीन समस्याओं पर भी अपनी सशक्त लेखनी चलाई। इनका हिन्दी साहित्य निबन्ध, जीवनी, संस्मरण, यात्रावृत्त आदि गद्य विधाओं के रूप में प्राप्त होता है। इन्होंने अपनी मौलिक रचनाओं से हिन्दी साहित्य को समृद्ध बनाया एवं अपनी गुजराती मौलिक रचनाओं का हिन्दी भाषा में अनुवाद भी किया।
FAQ -
Q - काका कालेलकर का जन्म कब हुआ था
Ans - काका कालेलकर का जन्म 1885 हुआ था
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