हरिवंशराय बच्चन का जीवन परिचय | Harivansh rai bachchan Ka Jivan Prarichay

Harivansh rai bachchan Ka Jivan Prarichay

जीवन परिचय (1907 से 2003 ई.)

उत्तर छायावादी काल के सुप्रसिद्ध कवि तथा हालावादी काव्य के प्रवर्तक श्री हरिवंशराय बच्चन का जन्म सन् 1907 ई. में प्रयाग में एक सम्मानित कायस्थ परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री प्रतापनारायण था। माता-पिता की धार्मिक रुचियों एवं संस्कारों का इन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ा। इन्होंने काशी और प्रयाग से उच्च शिक्षा प्राप्त की तथा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की।

प्रयाग विश्वविद्यालय में इन्होंने कुछ समय तक अंग्रेजी के प्रवक्ता पद पर कार्य किया। इसके बाद सन् 1955 ई. में ये दिल्ली में विदेश मन्त्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ के पद पर नियुक्त हुए और यहीं से सेवानिवृत्त हुए। इन्हें राज्यसभा का सदस्य (1966) भी मनोनीत किया गया। कुछ समय तक बच्चन जी आकाशवाणी के साहित्यिक कार्यक्रमों से भी जुड़े रहे।

हरिवंशराय जी का यौवनकाल आर्थिक अभावों से युक्त रहा। इन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलनों में भी भाग लिया, पढ़ाई बीच में ही छोड़कर यह स्वतन्त्रता संग्राम के आन्दोलनों में कूद पड़े थे। इनकी पहली पत्नी असाध्य रोग और आर्थिक संकटों से जूझते हुए चल बसी। विभिन्न उतार-चढ़ावों, आशा-निराशा के भँवर में डूबती-उतरती इनकी जीवन-नैया श्रीमती तेजी बच्चन जी से दूसरा विवाह करने के बाद स्थिर हो पाई। कुछ वर्षों के पश्चात् अपने पुत्र प्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन के पास ये मुम्बई चले आए। यह महान् विभूति मधुशाला के गायक सन् 2003 ई. को सारे सांसारिक बन्धनों को छोड़ पंचतत्त्व में विलीन हो गए। 

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