खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण या मिलावट का अध्ययन

खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण

प्रस्तावना :- पिछले कुछ दशकों में खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण एक गंभीर समस्या हो गयी है। इन अपमिश्रित पदार्थों के सेवन के कारण बहुत सी गंभीर बिमारियाँ जैसे- कैंसर, डायरिया, अस्थमा, अल्सर आदि जा रही है। 

दुकानदारों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वारे अधिकतर अपमिश्रक आसानी से उपलब्ध सस्ते स्थानापन्न होते हैं। उदाहरण के लिये बसा, तैल व मक्खन में मिलाये जाने वाले अपमिश्रक पैराफिन, मोम, रेंड़ी का तेल व हाइड्रोकार्बन हैं। लाल मिर्च पाउडर में पिसी हुई ईंट तथा कालीमिर्च में पपीते के सूई बीज मिलाये जाते हैं। इन अपमिश्रकों को साधारण रासायनिक परीक्षणों द्वारा आसानी से पहचाना जा सकता है। 

प्रोजेक्ट का उद्देश्य :

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य विभिन्न खाद्य पदार्थों में उपस्थित सामान्य खाद्य मिलावट का अध्ययन करना है।

                                   प्रयोग 1

उद्देश्य : वसा, तैल व मक्खन में उपस्थित अपमिश्रकों की जाँच करना। 

आवश्यक सामग्री : परीक्षण नलिका, सान्द्र HCI, फरफ्यूरल, एसीटिक एनहाइड्राइड, सान्द्र H₂SO₄, एसीटिक अम्ल सान्द्र HNO₃I

विधि : तेल व घी में उपस्थित सामान्य अपमिश्रक पैराफिन मोम, हाइड्रोकार्बन, रंजक (dyes) और आर्जीमोन तेल है। इनकी जांच निम्नलिखित प्रकार से की जाती है -

1. देशी घी में वनस्पति घी ( डालडा) का अपमिश्रण (Bandouin Test):

एक परिक्षण नलिका में देशी घी की थोड़ी सी मात्रा लेकर उसमें 1ml HCI और 2-3 बूंद फरफ्यूरल का 2% एल्कोहॉलिक विलयन मिलाते हैं। मिश्रण को तेजी से हिलाते हैं। यदि अम्ल के सतह का रंग लाल हो जाता है तो देशी घी में वनस्पति घी की मिलावट है।

2. वनस्पति घी में पैराफिन मोम व हाइड्रोकार्बन का अपमिश्रणः

वनस्पति घी की थोड़ी सी मात्रा को एसीटिक एनहाइड्राइड के साथ गर्म करते हैं। यदि अप्रयुक्त एसीटिक एनहाइड्राइड के सतह पर तेल की कुछ बूंदें तैरती नजर आये तो वनस्पति घी में मोम या हाइड्रोकार्बन का अपमिश्रण है।

3. बसा में रंजक का अपमिश्रण :

1ml वसा को 1ml Conc. H₂SO₄ व 4ml एसीटिक अम्ल के मिश्रण के साथ गर्म करते हैं। यदि गुलाबी या लाल रंग दिखायी पड़ता है तो वसा में रंजक अपमिश्रित है।

4. खाद्य तेल में आर्जीमोन तेल का अपमिश्रण :

एक परीक्षण नलिका में तेल की थोड़ी मात्रा लेकर उसमें Conc. HNO₃, की कुछ बूंदे डालकर हिलाते हैं। अम्लीय ह का लाल हो जाना आर्जीमोन के उपस्थिति की पुष्टि करता है।

                                    प्रयोग 2

उद्देश्य : शर्करा (Sugar) में उपस्थित अपमिथकों की जांच करना। 

आवश्यक सामग्री : परीक्षण नलिका, Conc H₂SO₄, α-नेफ्थॉल का एल्कोहॉलिक विलयन, तनु HCI विधि शर्करा में सामान्यतः चादन सोडा तथा अन्य अविलेय पदार्थों की अशुद्धियाँ होती हैं जिनकी जांच निम्नलिखित प्रकार से की जाती है -

1. शर्करा में विभिन्न अविलेय पदार्थों का अपमिश्रण :

शर्करा की थोड़ी मात्रा परखनली में लेकर पानी के साथ हिलाते हैं। शुद्ध शर्करा पानी में पुल जाता है और अशुद्धियों नहीं घुलती हैं।

2. शर्करा में चाक पाउडर व घावन सोडा का अपमिश्रणः

एक परखनली में शर्करा की थोड़ी मात्रा लेकर उसमे dil HCI की कुछ बूंदे मिलाते हैं। यदि सनसनाहट के साथ झाग दिखायी दे तो शर्करा में चाक पाउडर या घावन सोडा मिला हुआ है। निकलने वाली गैस CO2 होती है।

                                    प्रयोग 3

उद्देश्य : मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर व कालीमिर्च के नमूनों में उपस्थित अपमिश्रकों की जांच करना। 

आवश्यक सामग्री : परीक्षण नलिका, Conc. HCI. dil  HNO₃.KI विलयन

विधि : मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर और कालीमिर्च में उपस्थित सामान्य अपमिश्रक क्रमशः लाल लेड लवण, पीला लेड लवण और पपीते के सूखे हुये बीज हैं। इनकी जांच निम्नलिखित प्रकार से की जाती हैं।

1. मिर्च पाउडर में लाल लेड के लवण का अपमिश्रण :

मिर्च पाउडर के नमूने में dil. HNO₃, डालकर विलयन को छान लेते हैं। छनित्र में पोटेशियम आयोडाइड विलयन की २ बूंद डालते हैं। यदि पीला अवक्षेप प्राप्त होता है तो मिर्च पाउडर में लेड लवण अपमिश्रित है।

2. हल्दी पाउडर में पीत लेड लवण का अपमिश्रण :

हल्दी पाउडर के नमूने में Conc. HCI मिलाते हैं। यदि मजेन्टा (majenta) रंग प्रदर्शित होता है तो हल्दी पाउडर में लेड के पीत आक्साइड का अपमिश्रण है।

3. लाल मिर्च पाउडर में ईंट के पाउडर का अपमिश्रण :

पानी भरे बीकर में लाल मिर्च पाउडर के नमूने की थोड़ी मात्रा डालते हैं। ईंट पाउडर पानी के तली में बैठ जाता है और मिर्च पाउडर सहत पर तैरता रहता है।

4. काली मिर्च में पपीते के सूखे बीज का अपमिश्रण :

काली मिर्च के नमूने की थोड़ी मात्रा को पानी भरे बीकर में डालते हैं और कांच की छड़ से हिलाते हैं। पपीते के सूखे बीज हल्के होने के कारण जल की सतह पर तैरने लगते हैं तथा काली मिर्च नीचे की सतह पर बैठ जाती है।


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