पर्यटन का महत्त्व पर निबंध | Essay On Importance Of Tourism
रूपरेखा- (1) प्रस्तावना, (2) पर्यटन (देशाटन) के लाभ, (3) रोजगार का साधन, (4) भारत में पर्यटन को प्रोत्साहन, (5) उपसंहार।
(1) प्रस्तावना - शिक्षा के प्रसार ने लोगों में विश्व के अलग-अलग हिस्सों में जाकर वहाँ की जानकारी एकत्र करने की प्रबल इच्छा पैदा की है। इसका कारण नए अनुभव एवं ज्ञान हैं साथ ही हवाई परिवहन में प्रगति एवं पर्यटक सुविधाओं में विकास ने भी सीमाओं से बाहर निकलकर विचरण करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया है। विशेष रूप से दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक विकास तथा रोजगार सृजन के तन्त्र के रूप में पर्यटन के महत्त्व को विश्व भर में पहचान मिली है। सकल राजस्व के साथ-साथ विदेशी मुद्रा आय के मामले में यह सम्पूर्ण विश्व में एक वृहत् सेवा उद्योग है।
(2) पर्यटन (देशाटन) के लाभ- पर्यटन के कई लाभ हैं। पर्यटन से न सिर्फ मनोरंजन होता है, बल्कि यह शिक्षा एवं अनुभव प्राप्त करने का एक अच्छा साधन है, इसलिए स्कूल-कॉलेजों में हर वर्ष छात्रों को पर्यटन के लिए किसी-न-किसी स्थान पर ले जाया जाता है। पर्यटन से व्यक्ति में नवजीवन का संचार होता है, इसलिए लोग वर्ष में एक बार पर्यटन के लिए अवश्य समय निकालते हैं। जिन्दगी की इस भाग-दौड़ में पर्यटन का महत्त्व भी बढ़ गया है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने व्यस्ततम जीवन में से समय निकालकर किसी-न-किसी स्थान पर घूमने के लिए जाते रहना चाहिए। इससे उस व्यक्ति के जीवन में बदलाव भी आता है। में
ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटन की स्थिति में इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है। इससे ऐतिहासिक घटनाओं को अनुभव करने का आभास होता है। जिन बातों का अनुभव हम ताजमहल और कुतुबमीनार को देखकर कर सकते हैं, उसे किसी भी किताब के माध्यम से बताया नहीं जा सकता। पर्वत, पठारों, झीलों, नदियों की तस्वीरों या पाठ्य सामग्रियों से हमें इसके वास्तविक स्वरूप का ज्ञान नहीं हो सकता। नदी के पानी को छूकर देखने, पहाड़ों की सैर करने एवं झीलों में नौका-विहार का आनन्द लेने के बाद इनके बारे में जो अनुभव होता है, वह विभिन्न प्रकार की किताबों से भी प्राप्त नहीं हो सकता।
( 3 ) रोजगार का साधन- आधुनिक समय में पर्यटन का एक और लाभ यह है कि यह रोजगार का अच्छा साधन बन चुका है। भारत में भी यह एक बड़े सेवा उद्योग का रूप ले चुका है। भारत में हर वर्ष 50 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं तथा 50 लाख से अधिक घरेलू पर्यटक भी पर्यटन करते हैं। पर्यटन के दृष्टिकोण से पहाड़ी क्षेत्र, समुद्री तट एवं जंगल काफी महत्त्वपूर्ण एवं आनन्ददायक होते हैं। समुद्री तट की सैर एवं सूर्य-स्नान (सन-बाथ) का अपना अलग ही आनन्द है। जंगल के विविध प्राणियों को देखने का रोमांच ही अलग होता है। गर्मी के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों की सैर का आनन्द दोगुना हो जाता है। भारत में प्रायः हर राज्य पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण हैं। आँकड़े बताते हैं कि आगरा का ताजमहल देखने प्रतिवर्ष लाखों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं।
(4) भारत में पर्यटन (देशाटन) को प्रोत्साहन- लोगों में पर्यटन के प्रति रुझान के कारण ही पर्यटन मन्त्रालय ने भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2002 में 'अतुल्य भारत (इन्क्रेडेबल इण्डिया) अभियान' की शुरुआत की थी। इसके अन्तर्गत 'अतुल्य भारत सम्बन्धी विज्ञापन जनसंचार के माध्यमों में प्रकाशित एवं प्रचारित किया जाता है। इसमें भारतीय पर्यटन की विशेषताओं का उल्लेख किया जाता है।
विश्वभर में इस प्रचार अभियान ने भारत को एक ऐसे पर्यटन स्थल के रूप में दर्शाया जिससे कलाप्रेमियों, संस्कृति प्रेमियों, फिल्म प्रेमियों और रोमांच की तलाश में निकले पर्यटकों की खासी दिलचस्पी हुई। दुनिया भर के पर्यटकों के समक्ष भारत को एक उत्कृष्ट पर्यटक स्थल के रूप में पेश करने वाले इस 'अतुल्य भारत विज्ञापन अभियान' को ब्रिटेन द्वारा सर्वाधिक सृजनात्मक मीडिया अभियान के रूप में सम्मानित किया गया।
(5) उपसंहार- वास्तव में, भारत मनमोहक दृश्यों, ऐतिहासिक महत्त्व के स्थानों तथा शानदार शहरों, सुनहरे तटों, धुन्ध वाले पर्वतों, रंग-बिरंगें लोगों, समृद्ध संस्कृति और त्योहारों का देश है। यह विदेशी यात्रियों के लिए लोकप्रिय गन्तव्य के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपनी पहचान बना रहा है।
भारत की यात्रा पर्यटकों के लिए असाधारण होती है, क्योंकि आश्चर्यों से भरे इस देश में दक्षिण के सुन्दर समुद्री तट, उत्तर में प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष, विशाल पर्वत, लम्बी घाटियाँ, हरे-भरे मैदान एवं उष्णकटिबन्धीय वर्षावन जैसे दिलकश नजारे लोगों का मन मोहते हैं, इसलिए कहा जाता है। कि यदि आप विश्वभ्रमण कर चुके हैं, तो आपने अब तक केवल आधी दुनिया ही देखी है और यदि आपने भारतीय उपमहाद्वीप का भ्रमण कर लिया है, तो आपने पूरी दुनिया देख ली है। अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और परम्परागत आध्यात्मिकता के कारण भारत प्राचीन काल से ही विश्वभर के उत्साही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है।
पर्यटन का एक उद्योग का दर्जा दिए जाने के बाद भारत में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में भी भारत की साख बढ़ी है। इस तरह पर्यटन के दृष्टिकोण से भारत वास्तव में दुनिया में अतुल्य है। आने वाले कुछ वर्षों में भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या में निःसन्देह और भी वृद्धि होगी।
FAQ :-
1.पर्यटन कैसे महत्वपूर्ण है?
उत्तर:- पर्यटन अर्थव्यवस्था के राजस्व को बढ़ाता है, हजारों नौकरियां पैदा करता है, देश के बुनियादी ढांचे को विकसित करता है, और विदेशियों और नागरिकों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की भावना पैदा करता है । कई अलग-अलग क्षेत्रों में पर्यटन द्वारा सृजित नौकरियों की संख्या महत्वपूर्ण है
2.पर्यटन के उद्देश्य क्या है?
उत्तर:- इसका मुख्य उद्देश्य पर्यटन को विकसित करना एवं बढ़ावा देना, भारतीय पर्यटन स्थल की महत्ता एवं गुणवत्ता को बरक़रार रखना एवं उपलब्ध पर्यटन सुविधाओं एवं सेवाओं का विस्तार करना है ताकि इस क्षेत्र का आर्थिक विकास हो सके एवं इसमें रोजगार के अवसर बन सकें।
3.पर्यटन की परिभाषा क्या है?
उत्तर:- पर्यटन लोगों के काम और निवास के अपने सामान्य स्थान के बाहर गंतव्य के लिए अस्थायी आंदोलन है। मनोरंजन के लिए, रुचि के स्थानों पर जाने के लिए, ज्ञान लेने के लिए, आने-जाने में प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थानों पर जाने को पर्यटन के रूप में जाना जाता है।
4.पर्यावरणीय पर्यटन क्या है और क्यों यह महत्वपूर्ण है?
उत्तर:- सामान्य शब्दों में पर्यावरण-पर्यटन या इको टूरिज्म का अर्थ है पर्यटन और प्रकृति संरक्षण का प्रबंध इस ढंग से करना कि एक तरफ पर्यटन और पारिस्थितिकी की आवश्यकताएँ पूरी हों और दूसरी तरफ स्थानीय समुदायों के लिये रोजगार- नये कौशल, आय और महिलाओं के लिये बेहतर स्तर सुनिश्चित किया जा सके।
5.पर्यटन पर्यावरण की मदद कैसे करता है?
उत्तर:- कई गंतव्यों में, पर्यटन पानी की उच्च गुणवत्ता और प्रकृति और स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है । यह पर्यावरणीय बुनियादी ढांचे और सेवाओं में निवेश करने के लिए अतिरिक्त संसाधन उत्पन्न कर सकता है।
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