कम्प्यूटर : आज की आवश्यकता या कम्प्यूटर शिक्षा
रूपरेखा (1) भूमिका, (2) कम्प्यूटर के विकास का इतिहास, (3) कम्प्यूटर की उपयोगिता, (4) सूचना प्रौद्योगिकी में क्रान्ति, (5) उपसंहार।
(1) भूमिका- विज्ञान ने मनुष्य को सुख-सुविधा के अनेक साधन प्रदान किए हैं, जिनमें कम्प्यूटर सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। विज्ञान द्वारा विकसित यह यन्त्र मनुष्य के दिमाग की तरह काम करता है। इसने हमारे जीवन को अनेक सुख-सुविधाओं से भर दिया है। कम्प्यूटर के कारण हो सूचनाओं की प्राप्ति और इनके संवहन में क्रान्तिकारी वृद्धि हुई है।
(2) कम्प्यूटर के विकास का इतिहास- कम्प्यूटर के विकास का इतिहास कैलकुलेटर से जुड़ा हुआ है। प्रारम्भ में गणना के लिए कैलकुलेटर का आविष्कार हुआ। समय और आवश्यकताओं के अनुसार कैलकुलेटर का स्वरूप बदलता गया और इस प्रकार वर्ष 1944 में पहला विद्युतचालित कम्प्यूटर अस्तित्व में आया। इसके बाद वर्ष 1946 में विश्व का पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर बना। तब से अब तक लगातार इनका स्वरूप बदलता रहा है। आज के युग में कम्प्यूटर तो कृत्रिम बुद्धि वाले बन गए हैं।
(3) कम्प्यूटर की उपयोगिता- कम्प्यूटर ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में क्रान्ति ला दी है। जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जहाँ इसके महत्त्व को रेखांकित न किया जा सके। भारत में शुरुआती दौर में कम्प्यूटरों का इस्तेमाल बहुत सीमित था, लेकिन वर्तमान में अस्पताल, बैंक, अनुसन्धान केन्द्र, प्रयोगशाला, विद्यालय, दफ्तर आदि सहित ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहाँ कम्प्यूटर का उपयोग न किया जाता हो।
कम्प्यूटर के आने से शिक्षा का स्वरूप ही बदल गया है। आजकल कम्प्यूटर के माध्यम से ही पढ़ाई की जा सकती है। दुनियाभर के विद्यार्थी कम्प्यूटर के द्वारा ही पढ़ रहे हैं। कम्प्यूटर के आने से चिकित्सा के क्षेत्र में भी बहुत बदलाव हुए हैं। इसके द्वारा भविष्य में होने वाली बीमारियों का पहले ही पता लगा लिया जाता है। रेलगाड़ियों तथा हवाई जहाजों का आरक्षण कम्प्यूटर द्वारा ही होता है। आजकल पुस्तकों को कम्प्यूटर द्वारा ही तैयार किया जाता है एवं उन्हें कम्प्यूटर पर पढ़ा भी जाता है |
(4) सूचना प्रौद्योगिकी में क्रान्ति कम्प्यूटर के कारण सूचना प्रौद्योगिकी में अद्भुत क्रान्ति आ गई है। कम्प्यूटर द्वारा जनित इण्टरनेट से जनसंचार का स्वरूप ही बदल गया है। इसके द्वारा हम एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर पर उपस्थित व्यक्ति को सन्देश भेज सकते हैं, उसे बात करते हुए देख सकते हैं। कम्प्यूटर के कारण हमारा संवाद करने का तरीका ही बदल गया है। अब पुराने माध्यम अनुपयोगी हो गए हैं। इसी कारण भारत सरकार को वर्ष 2013 में अपनी टेलीग्राफ सर्विस बन्द करनी पड़ी। इसके अतिरिक्त कम्प्यूटर रेडियो, टेलीविजन के कार्यक्रमों के प्रसारण तथा अन्तरिक्ष प्रौद्योगिकी में भी अपना अभूतपूर्व योगदान दे रहा है।
(5) उपसंहार- कम्प्यूटर की उपलब्धियाँ अनगिनत हैं। यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। यह अभी भी सम्भावनाओं से भरा हुआ क्षेत्र है। इसका उपयोग वैज्ञानिक और व्यापारिक प्रक्रियाओं में कितना ही क्यों न बढ़ जाए, परन्तु यह मानव मस्तिष्क का स्थान नहीं ले सकता।
मनुष्य ने कम्प्यूटर बनाया है, कम्प्यूटर ने मनुष्य नहीं। कहने का तात्पर्य यह है कि कम्प्यूटर मनुष्य का स्थान नहीं ले सकता, इसके अलावा थोड़ा-सा चूक होने पर यह विपरीत परिणाम भी देता है। अतः विज्ञान के इस चमत्कार का उचित ढंग से प्रयोग किया जाना चाहिए, जिससे मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।
Post a Comment